बाबा गरीबनाथ धाम जाग्रत शिव-स्थल के रूप में निरंतर प्रसिद्द हो रहा है । यहाँ दूर दूर से आनेवाले श्रद्धालु भक्तों की आस्था इनके दर्शनोंप्रान्त और भी गहरी होती चली जाती है।
जन-जन का विश्वास देवाधिदेव महादेव में अकारण ही नहीं है।शिव सबके है ।जो भी शुद्ध मन और विश्वास के साथ इनके द्वार पर आता है,उसे दर्शन से केवल कृतार्थ ही नहीं करते बल्कि उसकी मनोकामना भी पूरी करते है। उसके दुखो को दूर करके उसके जीवन में सुख और आनंद का संचार करते है। जीवन के प्रति अटूट विश्वास और आत्मा के प्रति सजगता का निरंतर सन्देश देते हुए शिव समदर्शी भाव में सहज ही विराजते रहते है। उनके यहाँ कोई विभेद नहीं। जिसने भी उनका स्मरण किया,उनकी पूजा-अर्चना की उसी के वे हो गए । विषम परिस्थिति में भी शांतचित और शांतभाव से रहने की प्रेरणा देते हुए शिव चेतना के उस शिखर पर विराजते रहते है जहा से सबकुछ को सहज ढंग से देखा-समझा जा सकता है। संसार को संकटों से मुक्त कर देने वाला ही 'शंकर' होता है। सबके जीवन की रक्षा करने के लिए कालकूट विष का पान कर लेने वाला ही 'शिवशंकर' होता है । ओधर,आशुतोष भोलेदानी ही सही अर्थ में 'गरीबनाथ' होते है। जिसका कोई नहीं ईश्वर उसका सबसे ज्यादा होता है। शिव सबके अंतर्मन को झंकृत करते हुए आनंदमय वातावरण में जीव को खींच कर ले जाते है।
बाबा गरीबनाथ जन-जन के महानायक है। दूर-सुदूर से पावन गंगाजल कंधे पर कांवर में सहेज कर कठिन डगर को पार करते हुए आस्था और उल्लाष से भरे हुए आबाल्ब्रिध स्त्री-पुरुष भक्त श्रद्धालु यहाँ आ कर गंगाजल से बाबा का अभिषेक करते है ।बाबा उसकी आस्था को स्वीकार करते हुए उसके मन को तृप्त करते है ।कांवर -यात्रा जनास्था का महान सांस्कृतिक पर्व है ।इस आस्था और यात्रा को हार्दिक प्रणाम।
वर्तमान बिहार में मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ ख्यातिप्राप्त सिद्ध शिवलिंग के रूप में मान्य है । बाबा गरीबनाथ के प्रादुर्भाव और मंदिर विकास से जुडी हुई कथाएं है । ठीक -ठीक नहीं कहा जा सकता की पहली बार यहाँ कब कांवर का जल चढ़ाया गया । मगर अब तो इनकी महिमा का इतना विस्तार हो गया है कि बिहार ,उत्तर -प्रदेश,मध्य -प्रदेश के साथ ही साथ देश के अनेक प्रान्तों के शिव -भक्त यहाँ जलाभिषेक के लिए आते है । पड़ोसी देश नेपाल से आने वालों की संख्या भी अच्छी -खासी रहती है । वर्ष भर दर्शनार्थियों तथा पूजा करने वालों की भीड़ यहाँ लगी रहती है ।
पवित्र सावन मास में पहलेजा से गंगा जल को कांवर पर लेकर आने वाले असंख्य कांवरियों के द्वारा हर सोमवारी के साथ ही साथ हर दिन व्यापक जलाभिषेक किया जाता है ।सावन भर कावरिया पथ पर केसरिया वस्त्रों से सुसज्जित आबालवृद्ध स्त्री -पुरुषों का बोलबम जयघोष गूंजता रहता है ।अनेकानेक स्वमसेवी संगठनों ,भक्तों -श्रधालुओं ,नागरिकों तथा विभिन्न प्रतिष्ठानों के द्वारा शिविर लगाकर कांवरियों की हर तरह की सेवा की जाती है ।इसके लिए उनके भीतर साक्षात् शिव ही प्रेरणा भरते है ।
मोबाइल: 9234862348
इमेल: garibnathdham.in@gmail.com
व्हाट्स एप्प चैनल
मंदिर खुलने का समय :
प्रातः - 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक
दोपहर - 2:30 से रात्रि 10 बजे तक
आरती - प्रातः 5 बजे एवं रात्रि 9 बजे