बाबा गरीबनाथ शिवलिंग का प्राकट्य कब हुआ इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। सन 2006 ई. में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पार्षद ने मंदिर का अधिग्रहण किया और मंदिर की व्यवस्था के लिए ग्यारह सदस्यों का एक ट्रस्ट बनवाया गया।
मंदिर प्रांगन में जो कल्पवृक्ष जिनकी पूजा होती है वे शिवलिंग के प्राकट्य से भी ज्यादा पुराना है । श्रावण मास में कावरिओं द्वारा सोनपुर से गंगाजल लाकर बाबा पर अर्पित करने की तीव्र शुरुआत सन 1960 के आस-पास से की गई । शिवलिंग जहाँ प्रकट हुए वह क्षेत्र पहले जंगल था ।
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मंदिर खुलने का समय :
प्रातः - 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक
दोपहर - 2:30 से रात्रि 10 बजे तक
आरती - प्रातः 5 बजे एवं रात्रि 9 बजे